लोकसभा चुनाव के रिजल्ट से देश में “कौन बनेगा Prime Minister ? नीतीश या नरेंद्र मोदी!” की चर्चा चल रही है। चुनावी नतीजे ने नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने का योग बना दिया है। अब NDA और विपक्ष नीतीश कुमार को दामाद की तरह इज्जत देकर मानाने में जुटा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “अबकी बार ४०० पार” का नारा दिया था। यह नारा पूरी तरह फ्लॉप कर गया। 2024 लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी को हराने में इस नारा ने बहुत सहयोग किया। चुकि मैं यह बात अपनी ज्योतिष ज्ञान के आधार पर कह रहा हूँ।
चुकि मैं यह बात अपनी ज्योतिष ज्ञान के आधार पर कह रहा हूँ। इस रहस्य को समझने के लिए आपको पिछले दो लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड पर भी विचार करना होगा।
Prime Minister Narendra modi Slogn 2014 & 2019
भाजपा ने 2014 लोकसभा चुनाव में नारा दिया था कि ‘बहुत हुई देश में महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार’, ‘बहुत हुआ किसान पर अत्याचार, अबकी बार मोदी सरकार’, बहुत हुआ भ्रष्टाचार, अब की बार मोदी सरकार’ आदि। इस नारे को सोशल मीडिया ने हाथों हाथ लिया और ‘ट्विंकल-ट्विंकल लिटिल स्टार, अबकी मोदी सरकार’, ‘अब आएगी जिंदगी में बहार, अबकी बार मोदी सरकार’ जैसे कई नारे गढ़ डाले। 2014 लोकसभा चुनाव को इन नारों ने चुनाव जितवा दिया।
वैसे ही 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने नारा दिया “हर हर मोदी , घर घर मोदी , एक और नारा था “मोदी आने वाले है ” इन नारो ने मोदी को प्रचंड बहुमत से चुनाव जितवाया। लेकिन अबकी बार ऐसा क्या हुआ कि नरेंद्र मोदी के लिए “”अबकी बार ४०० पार” का नारा निचे गिरा दिया। जिसके कारण नरेंद्र मोदी की Prime Minister बनने में कई तरह की परेशानी सामने आ रही है। अब तो नीतीश कुमार ने कह दिया है कि हम प्रधानमंत्री बनेंगे।
नीतीश कुमार को तो विपक्ष के तरफ से उप प्रधानमंत्री बनाने का ऑफर तो मिल ही चूका है। लेकिन नीतीश कुमार ने साफ शब्दो अपने एमएलसी से कहवाया है कि “मेरे दोनों हाथ में लड्डू है, जो मुझे प्रधानमंत्री बनाने का ऑफर देगा। मई उसके साथ चला जाऊंगा।
Prime Minister Narendra modi Astrology Problem for 2024 Election
ऐसे ही ज्योतिषीय प्रॉब्लम के कारण मोदी जी की गंगा को निर्मल करने की परियोजना भी फ्लॉप हो गयी थी। प्रधानमंत्री ने गंगा को निर्मल करने की परियोजना का नाम “नमामि गंगे प्रोजेक्ट” रख दिया। चुकी यह नाम व्याकरण और ज्योतिष के अनुसार पूरा गलत था। जिसके कारण गंगा को निर्मल करने की परियोजना फ्लॉप साबित हुई। गंगा को निर्मल करने की परियोजना का नाम “नमामि गङ्गाम परियोजना” रखना चाहिए था।
Astrological possibility of Nitish Kumar becoming Prime Minister
नीतीश कुमार जी के साथ भी अभी यही दिक्क्त है। नीतीश कुमार की राशि भी वृश्चिक है। नीतीश कुमार के राशि में राहु प्रवेक्षकन काल 2029 तक है। इसलिए नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने का कोई चांस नहीं है। अगर ज्यादा नीतीश कुमार जी भटकने का प्रयास करेंगे तो भारी नुकसान इनकी कुंडली में दीखता है।
Astrological possibility of Chandra Babu Naidu becoming Prime Minister
चंद्र बाबू नायडू अभी शनि के प्रवेक्षक काल में 2032 तक रहेंगे। चंद्र बाबू नायडू की जन्मकुंडली के अनुसार 2032 के बाद इन्हे कोई बड़ा पद मिलने की संभावना है। इसलिए चंद्र बाबू नायडू के भी Prime Minister बनने की कोई चांस नहीं है। हालाँकि इन्हे शनि से कोई नुकसान होता भी नहीं दिख रहा है।
RAHUL GANDHI जन्म कुंडली के अनुसार अभी शुक्र ग्रह के पर्वेक्षक काल में चल रहे है। और मंगल इनके सबसे उच्च राशि के गुरु में बैठा है। इसलिए राहुल गाँधी के भी प्रधानमंत्री बनने का कोई चांस नहीं दिख रहा है। हा एक बात जरूर है कि राहुल गाँधी के मंगल अति प्रबल होने और गुरु की कक्षा में होने से इनकी बातों को मानना नरेंद्र मोदी की मजबूरी हो जाएगी। क्योंकि प्रधानमंत्री का मंगल 2030 तक सही नहीं दिख रहा है। जिसके कारण राहुल गाँधी प्रधान मंत्री तो नहीं बनेंगे। लेकिन Prime Minister को 2030 तक परेशान जरूर करके रखे रहेंगे।
What will be auspicious and what will be inauspicious for Prime Minister Narendra Modi?
पीएम नरेंद्र मोदी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने में कामयाब रहेंगे। संघर्ष एवं विपक्षी दलों के लगातार विरोध के बावजूद मोदी अपने 50 से 65 प्रतिशत चुनावी वादे पूरे करेंगे। नरेंद्र मोदी की गजकेसरी, शंख तथा नीचभंग योग में शामिल चंद्र महादशा उन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ राजनेताओं की श्रेणी में फिर स्थापित कर देगी।
चूकि राहुल गाँधी का मंगल अति प्रबल होने से नरेंद्र मोदी की परेशानी बड़ा सकते है। नरेंद्र मोदी का मंगल कमजोर होने और शनि साढ़ेसाती कारण समय-समय पर कुछ गलत निर्णय, विपक्षी दलों द्वारा आंदोलन के साथ ही कुछ स्वास्थ्य समस्या जैसी घटनाएं घटित होंगी।
मोदी सरकार की शुक्र दशा एवं शनि की ढैय्या भी समय-समय पर विपक्ष, अपनी पार्टी (भाजपा) तथा गठबंधन में शामिल दलों से विरोधाभास की स्थिति पेश करेगा। मंत्रिमंडल में फेरबदल होता रहेगा।
नरेंद्र मोदी की मंगल महा दशा एवं शनि की ढैय्या के कारण विपक्ष भी बेवजह कारणों से समय-समय पर इस्तीफा का दबाव डालेगा। इतना ही नहीं ! अपनी पार्टी (भाजपा) और दूसरे गठबंधन में शामिल दलों राजनितिक हलचल से मंत्रिमंडल में बेवजह फेरबदल होता रहेगा। जिसमे भाजपा के मंत्रियो को ही नुकसान उठाना पड़ेगा।
नरेंद्र मोदी की कुंडली में ग्रहण, पुनर्फू तथा विष योग के कारण महंगाई, बेरोजगारी, धार्मिक सहिष्णुता के मामले में अस्थिरता होती रहेगी। साथ-साथ उत्तरी भारत में खासकर उत्तराखंड , हिमांचल जैसे पहाड़ी राज्यों में बड़ी प्राकृतिक आपदाओं एवं नक्सली-आतंकी हमलों से भी नरेंद्र मोदी सरकार को लगातार जूझना पड़ेगा।
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