प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार के सिवान ज़िले में एक बड़ी जनसभा को संबोधित कर रहे हैं, जहाँ वे राज्य को लगभग 6,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दे रहे हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री पटना के पाटलिपुत्र स्टेशन से गोरखपुर के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को वर्चुअली हरी झंडी दिखा रहे हैं, जो इस रूट की पहली अति-आधुनिक ट्रेन होगी। इसके साथ ही वैशाली से देवरिया के बीच एक नई रेलवे लाइन का भी उद्घाटन किया जा रहा है, जिससे सीमांचल और पूर्वी यूपी से बिहार की कनेक्टिविटी को नया विस्तार मिलेगा।
सरकार की फ्लैगशिप योजना ‘पीएम आवास योजना (शहरी)’ के तहत 51,000 से ज़्यादा लाभार्थियों को पहली किस्त जारी की जा रही है। इसके अलावा 6,684 परिवारों को पक्के मकानों की चाबियाँ सौंपी जा रही हैं, जो एक तरह से घर वापसी का प्रतीक बन गया है।
स्वच्छता और जल आपूर्ति से जुड़ी कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ भी इस मौके पर राष्ट्र को समर्पित की जा रही हैं। इनमें दीघा, कंकड़बाग, मोतिहारी और छपरा जैसे शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और जलापूर्ति नेटवर्क शामिल हैं, जो ‘नमामि गंगे’ और ‘अमृत भारत योजना’ के तहत बनाए गए हैं। इन परियोजनाओं से शहरी बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी और लोगों को साफ पानी तथा स्वच्छ वातावरण मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी मरहौरा लोकोमोटिव फैक्ट्री में बने पहले निर्यात योग्य इंजन को भी रवाना कर रहे हैं, जिसे अफ्रीकी देश गिनी गणराज्य को भेजा जाएगा। इससे न केवल भारत की मेक-इन-इंडिया ताकत को वैश्विक मान्यता मिल रही है, बल्कि बिहार को औद्योगिक नक्शे पर एक नई पहचान भी मिल रही है।
यह दौरा पीएम मोदी की बीते बीस दिनों में दूसरी और 2025 में अब तक की पाँचवीं बिहार यात्रा है, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि केंद्र सरकार राज्य में बुनियादी ढांचे, रोजगार और परिवहन को लेकर गंभीर है। विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र इसे बीजेपी की आक्रामक विकास नीति के तौर पर देखा जा रहा है।
आज की इस यात्रा में मोदी सरकार विकास का रोडमैप लेकर उतरी है। लाखों लोगों को घर, रेलवे से जुड़ी नई सुविधाएँ, आधुनिक ट्रेनों का संचालन और बुनियादी ढांचे में सुधार—इन सभी पहलुओं पर एकसाथ काम हो रहा है। विपक्ष की आलोचनाओं के बीच यह संदेश साफ है कि सरकार चुनावों से पहले सिर्फ वादों की नहीं, ज़मीन पर विकास की राजनीति कर रही है।