बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। इस बार चर्चा का केंद्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं, लेकिन वजह कुछ अलग है। अब उन्हें देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए प्रस्तावित किया जा रहा है। यह मांग किसी और ने नहीं, बल्कि भाजपा के नेता और बिहार विधान परिषद के सदस्य सच्चिदानंद राय ने की है।
सच्चिदानंद राय ने स्पष्ट रूप से कहा कि नीतीश कुमार को अब राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका निभानी चाहिए और उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के लंबे प्रशासनिक अनुभव और राजनीतिक संतुलन को देखते हुए यह पद उनके लिए उपयुक्त है।

राय ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार की वर्तमान स्थिति बेहद चिंताजनक है। शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून-व्यवस्था जैसे मूलभूत क्षेत्रों में लगातार गिरावट आई है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार जनहित की बजाय सत्ता बचाने में व्यस्त है, जिससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
उन्होंने नीतीश कुमार से अपील की कि वे बिहार की जिम्मेदारी से मुक्त होकर राष्ट्रीय राजनीति की ओर कदम बढ़ाएं। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वे इस विषय पर गंभीरता से विचार करें और उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकित करें।

हालांकि, इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। जदयू की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सियासी पंडित इसे आने वाले समय की राजनीति में संभावित बदलाव के संकेत के रूप में देख रहे हैं।
नीतीश कुमार पहले भी कई बार दिल्ली की राजनीति में अपनी भूमिका बढ़ाने के संकेत दे चुके हैं। अब देखना यह है कि क्या भाजपा इस प्रस्ताव को गंभीरता से लेती है या इसे महज एक व्यक्तिगत राय मानकर नजरअंदाज कर देती है।








