Now everyone wants to know Mohan Manjhi’s struggle story. Because Mohan Majhi has reached the position of Sarpanch to Odisha CM in 2024. Mohan Majhi was elected MLA for the fourth time from the BJP party. He wins the election from the Keonjhar seat of Odisha.
मोहन मांझी स्ट्रगल स्टोरी अब सब कोई जानना चाहता है। क्योंकि मोहन माझी सरपंच से ओडिशा CM की कुर्सी तक पहुंच गए है। मोहन माझी भाजपा पार्टी से चौथी बार विधायक चुने गए थे। यह ओड़िशा के क्योंझर सीट से चुनाव जीतते है।
मोहन माझी का विवाह प्रियंका मांझी से हुआ है। मोहन मांझी को प्रियंका मांझी से एक पुत्र है। मोहन मांझी को ओडिशा के सीएम बनने तक इनके पत्नी और पुत्र को नहीं मालूम था। प्रियंका मांझी यह सुन कर चौक गयी कि उनके पति सीएम बन गए है। प्रियंका मांझी ने नूतनचर्चा न्यूज़ संवाददाता को बताया कि यह तो भगवन ने चमत्कार कर दिया। आज मेरे पति सीएम बन गए है।
Why is Mohan Manjhi’s struggle story in discussion?
दरअसल ओड़िसा राज्य विधान सभा चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज किया। ओड़िसा राज्य बनाने के बाद पहली बार वह भाजपा की सरकार बन रही है। चूकि ओड़िसा राज्य गठन के समय से ही नवीन पटनायक सीएम बने हुए थे। ओड़िसा में 24 साल बाद नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी सत्ता से बाहर हुई है। इस बार के ओड़िसा राज्य विधान सभा चुनाव में बीजेपी को 147 सीटों में 78 सीटें मिलीं है।
नवीन पटनायक साल 2000 से लगातार 2024 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे. नवीन पटनायक सीएम के पद पर कुल 24 साल 98 दिन तक रहे। इस बार भाजपा बहुमत में आने से मोहन चरण मांझी को नया सीएम बनाया है। चूकि मोहन चरण मांझी आदिवासी वोटर के मुख्य चेहरा है। मोहन चरण मांझी ने आदिवासी वोटरों को भाजपा के पक्ष में करने सफल रहे है। ओडिसा में आदिवासी वोटर 50 प्रतिशत है. यही वोट वोट भाजपा के लिए गेम चेंजर बन गया। भाजपा द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के पीछे एक कारण और है कि उनकी साफ-सुथरी छवि और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख है।
Mohan Manjhi’s Struggle Story: Political Journey
मोहन मांझी सन 1997 से राजनीति में है। मोहन चरण मांझी पहले आरएसएस के कार्यकर्ता के तौर पर राजनीति में एंट्री किये थे। आरएसएस कार्यकर्ता यह पढाई के दौरान ही बन थे। मोहन चरण मांझी आरएसएस कार्यकर्ता रहने के दौरान आदिवासी समाज को भाजपा के लिए संगठित किये थे। मोहन चरण मांझी की उम्र अभी 52 वर्ष है। यह ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री बनाये गए है।
मोहन चरण मांझी राजनीति के सुनहरे दिनों 2005-2009 तक वे सरकारी उप मुख्य सचेतक के पद पर रहे। वे ओआरवी अधिनियम के तहत एससी और एसटी की स्थायी समिति के सदस्य भी रहे हैं. वे पिछले कार्यकाल में विपक्ष के मुख्य सचेतक थे.
मोहन चरण मांझी भाजपा के अंदर संगठनात्मक कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं. ये पार्टी के सभी कार्यकर्ताओ को साथ लेकर चलने और आगे बढ़ने के लिए जाने जाते हैं. ये आम जनता के बीच ऐसे घुल मिल जाते है जैसे कोई नेता नहीं हो। इनका प्रयोग अक्सर राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए करते हैं.
Mohan Manjhi’s Struggle Story: Family Background
मोहन चरण माझी क्योंझर जिले के एक हिंदुत्ववादी, संगठित और तेजतर्रार आदिवासी नेता हैं. जो साधारण पृष्ठभूमि आदिवासी परिवार से आते हैं. मोहन चरण मांझी ओडिशा विधानसभा में अपने प्रदर्शन के लिए एक खास पहचान रखते हैं. मोहन मांझी को बीजेपी एक विश्वनीय आदिवासी नेता और एक मज़बूत सांगठनिक नेता के रूप में मानती है. जो भाजपा के हिंदुत्ववादी एजेंडा को आगे बढ़ा रहे है।
मोहन चरण माझी ओड़िसा के साधारण आदिवासी परिवार से आते हैं। मोहन मांझी राजनीति में आने से पहले क्योंझर विधान सभा क्षेत्र के झुमपुरा इलाके में टीचर थे. यह स्कूल आरएसएस द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर था। मोहन मांझी के पिता एक चौकीदार थे.
Mohan Manjhi’s Struggle Story: Education Profile
मोहन चरण मांझी की शुरूआती पढ़ाई 1987 में झुमपुरा हाई स्कूल से मैट्रिक और 1990 में आनंदपुर कॉलेज से 12वीं की परीक्षा पास किये थे। उन्होंने क्योंझर के चंपुआ स्थित चंद्रशेखर कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की थी। मोहन माझी ने 2011 में ढेंकनाल लॉ कॉलेज उत्कल यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट एलएलबी किया था। इनका हायर एजुकेशन में साइंस से एमए किया है। इनकी एमए की पढ़ाई सैम होइगॉन बोहोम इंस्टीट्यूट एट टेक्नोलॉजी एंड साइंस से हुई है।
Net Worth of Mohan Manjhi’s Struggle Story
विधानसभा चुनाव 2024 में इलेक्शन कमीशन को दिए गए हलफनामे के अनुसार मोहन मांझी का नेटवर्थ कुल २ करोड़ के आसपास है। इसके साथ ही मोहन मांझी के पास 95.58 लाख रुपये का कर्ज है। इनका 9 अलग-अलग बैंक खातों में पति-पत्नी के नाम पर 10.92 लाख रुपये जमा हैं. इनकी पत्नी के नाम पर एसबीआई में एक फिक्स्ड डिपॉजिट (SBI FD) 51 लाख रुपये है.
ओडिशा विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मुख्य सचेतक रहे मोहन चरण माझी की कार पर 2021 में क्योंझर जिले में अज्ञात हमलावरों ने बम फेंके थे, जिसमें वह बच गए थे। ये धमाका क्योंझर कस्बा थानांतर्गत मंडुआ इलाके में तब हुआ था जब बीजेपी विधायक श्रमिक संघ की बैठक में भाग लेकर घर लौट रहे थे। उन्होंने उस समय की सत्ताधारी पार्टी बीजेडी के स्थानीय नेताओं पर हमले कराने के आरोप लगाए थे।
FAQ FOR Mohan Manjhi’s Struggle Story
- Who is Mohan Manjhi’s?
Ans. मोहन मांझी ओड़िसा राज्य के मुख्यमंत्री है। इन्हे भाजपा ने 2024 में मुख्यमंत्री बनाया है। क्योंकि ओड़िसा में 50 प्रतिशत वोटर आदिवासी है। मोहन मांझी आदिवासी समाज से आते है।
2. Mohan Manjhi is which Chief Minister of Odisha?
Ans. मोहन मांझी ओड़िसा के १५ वेन मुख्यमंत्री है. इनके पहले ओड़िसा के सीएम नवीन पटनायक थे।