आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने तेज प्रताप यादव को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि उनका अब पार्टी और राजनीति में कोई अस्तित्व नहीं बचा है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि तेज प्रताप यादव अब आरजेडी का हिस्सा नहीं हैं, क्योंकि उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है। यह बयान उस समय आया जब तेज प्रताप ने हाल ही में घोषणा की कि यदि उन्हें महुआ विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे।
मंगनी लाल मंडल ने इस बयान को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि तेज प्रताप की बातों का पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उनका यह भी कहना था कि तेज प्रताप अब न तो पार्टी के किसी कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं, न ही संगठन से कोई संबंध रखते हैं। पार्टी अनुशासन के अनुसार, उन्हें पूरी तरह से बाहर कर दिया गया है और उनका अब कोई राजनीतिक वजूद नहीं है।
इस घटनाक्रम से यह साफ होता है कि आरजेडी अब तेज प्रताप यादव से पूरी तरह किनारा कर चुकी है। तेज प्रताप भले ही खुद को पार्टी का हिस्सा मानें या चुनाव लड़ने की बात करें, लेकिन पार्टी नेतृत्व और संगठन उन्हें अब पहचानने को भी तैयार नहीं है। तेज प्रताप की ओर से लगातार सोशल मीडिया पर सक्रियता और बयानों के बावजूद पार्टी का रुख बेहद सख्त और स्पष्ट बना हुआ है।
तेज प्रताप यादव कभी लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और मंत्री रह चुके हैं, लेकिन पारिवारिक विवाद, संगठनात्मक असहमति और बगावती तेवरों के चलते वे पार्टी से धीरे-धीरे अलग होते गए। अब आरजेडी के शीर्ष नेतृत्व ने उनकी संभावित वापसी की हर संभावना पर भी पूर्ण विराम लगा दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप अगर निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो इससे आरजेडी के वोट बैंक पर कुछ असर पड़ सकता है, खासकर उनके पारंपरिक समर्थकों के बीच। लेकिन पार्टी इसे लेकर चिंतित नहीं दिख रही, बल्कि संगठन को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
तेज प्रताप यादव के लिए यह बयान न केवल राजनीतिक झटका है, बल्कि यह उनके भविष्य की राह में एक बड़ी दीवार की तरह खड़ा हो गया है। अब देखना यह है कि वे पार्टी से बाहर रहकर क्या कोई नई रणनीति अपनाते हैं या राजनीतिक तौर पर अलग राह चुनते हैं।