बिहार में बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली की शुरुआत: उपभोक्ता सेवा में क्रांतिकारी कदम
पटना, मई 2025: बिहार सरकार के ऊर्जा विभाग ने उपभोक्ताओं की शिकायतों के त्वरित और प्रभावी समाधान हेतु एकीकृत ओमनी-चैनल कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (CRM) प्रणाली शुरू करने का निर्णय लिया है। इस महत्वाकांक्षी योजना को मई माह में लॉन्च करने का निर्देश ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल ने विद्युत भवन, पटना में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में दिया।
बैठक में दक्षिण बिहार विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (SBPDCL) के प्रबंध निदेशक महेन्द्र कुमार, उत्तर बिहार विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (NBPDCL) के प्रबंध निदेशक डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे समेत दोनों कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उद्देश्य: तेज, प्रभावी और बहुभाषी उपभोक्ता सेवा
ऊर्जा सचिव ने बताया कि इस सीआरएम प्रणाली का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं की शिकायतों का शीघ्र और संतोषजनक समाधान करना है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि इस प्रणाली को पूर्ण तैयारी और समन्वय के साथ लागू किया जाए ताकि उपभोक्ताओं को निर्बाध और पारदर्शी सेवा मिल सके।
उन्होंने कहा, “यह केवल एक तकनीकी बदलाव नहीं है, बल्कि यह उपभोक्ताओं से जुड़ने के हमारे पूरे दृष्टिकोण में बदलाव है। हर उपभोक्ता की बात सुनी जाए, यह सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है।”
पहले चरण में क्या-क्या सुविधाएं होंगी?
प्रथम चरण में यह प्रणाली विभिन्न उपभोक्ता संवाद चैनलों को एकीकृत करेगी, जिनमें शामिल हैं:
एसएमएस सेवा के माध्यम से शिकायत दर्ज करना।
कॉल सेंटर जिसमें बहुभाषी सहायता उपलब्ध होगी।
मिस्ड कॉल अलर्ट, जिससे शिकायत स्वतः दर्ज हो जाएगी।
सोशल मीडिया एकीकरण (जैसे फेसबुक, एक्स/ट्विटर, व्हाट्सऐप)।
उपभोक्ता पोर्टल/वेबसाइट के ज़रिए शिकायत दर्ज और स्थिति की जांच।
फॉल्ट मैनेजमेंट प्रणाली जो तकनीकी खराबियों को ट्रैक करेगी।
फीडबैक प्रणाली जिसमें उपभोक्ता अपनी संतुष्टि बता सकेंगे।
मीटरिंग एजेंसियों से समन्वय, जिससे मीटर संबंधी शिकायतों का समाधान होगा।
इस एकीकृत प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ताओं को अब एक ही प्लेटफॉर्म पर सभी सेवाएं मिलेंगी, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।
बहुभाषी समर्थन: बिहार की भाषाई विविधता को सम्मान
सीआरएम प्रणाली की एक विशेषता यह है कि यह उपभोक्ताओं को उनकी पसंदीदा भाषा में संवाद का विकल्प देगी। पहले चरण में हिंदी, अंग्रेज़ी और भोजपुरी में यह सेवा उपलब्ध होगी।
दूसरे चरण में मगही, मैथिली और अंगिका जैसी स्थानीय भाषाओं को भी जोड़ा जाएगा। इससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहने वाले उपभोक्ताओं को शिकायत दर्ज करने में अधिक सहजता होगी।
अत्याधुनिक तकनीक से सशक्त उपभोक्ता
यह नई प्रणाली केवल सुविधा आधारित नहीं बल्कि स्मार्ट सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से विकसित की गई है। इसमें शामिल होंगे:
स्पीच-टू-टेक्स्ट सुविधा, जिससे उपभोक्ता बोलकर शिकायत दर्ज कर सकेंगे।
टेक्स्ट-टू-स्पीच, जो जवाबों को ऑडियो रूप में उपलब्ध कराएगी।
इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम (IVRS), जो स्वचालित रूप से उपयुक्त विकल्प बताएगा और मार्गदर्शन करेगा।
इन तकनीकों से शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया न केवल आसान होगी, बल्कि त्वरित भी होगी।
शिकायत समाधान के बाद फीडबैक और ऑटोमेटेड एस्केलेशन
नई प्रणाली की एक विशेषता यह है कि शिकायत के समाधान के बाद उपभोक्ता को एक स्वचालित कॉल आएगी, जिसमें वह समाधान की गुणवत्ता को रेट कर सकेगा।
यदि उपभोक्ता असंतोष व्यक्त करता है, तो शिकायत स्वतः पुनः खुल जाएगी और उच्च अधिकारी को भेजी जाएगी। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि कोई भी शिकायत अधूरी या अपूर्ण न रह जाए।
क्यूआर कोड आधारित शिकायत पंजीकरण
डिजिटल साक्षरता को ध्यान में रखते हुए प्रणाली में क्यूआर कोड स्कैन कर शिकायत दर्ज करने की सुविधा भी होगी। उपभोक्ता बिजली बिल, वेबसाइट या व्हाट्सऐप पर दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन कर सीधे शिकायत पंजीकरण पोर्टल पर पहुंच सकेंगे।
यह सुविधा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभदायक होगी जो मोबाइल ऐप डाउनलोड नहीं करना चाहते।
पारंपरिक चैटबॉट की जगह एआई आधारित जनरेटिव चैटबॉट
बैठक में ऊर्जा सचिव ने निर्देश दिया कि पारंपरिक, स्क्रिप्टेड चैटबॉट की जगह जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GenAI) आधारित चैटबॉट विकसित किया जाए।
यह नया चैटबॉट उपभोक्ता की बातों को गहराई से समझेगा और स्वाभाविक व सटीक उत्तर देगा। समय के साथ यह खुद से सीखते हुए बेहतर होता जाएगा। इसे वेबसाइट, व्हाट्सऐप और मोबाइल ऐप्स पर एकीकृत किया जाएगा।
सभी हितधारकों को जोड़ने वाला केंद्रीकृत डैशबोर्ड
नई प्रणाली केवल उपभोक्ताओं के लिए नहीं, बल्कि आंतरिक कार्य प्रणाली को भी सुव्यवस्थित करेगी। इसके माध्यम से:
शिकायतों की संख्या,
समाधान में लगने वाला समय,
क्षेत्रवार सेवा गुणवत्ता,
तकनीकी टीमों का प्रदर्शन
जैसी जानकारियाँ रियल टाइम में वरिष्ठ अधिकारियों को मिल सकेंगी। इससे योजनाएं बेहतर बनेंगी और संसाधनों का कुशल प्रबंधन हो सकेगा।
डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में बड़ा कदम
बिहार में लगभग 1.5 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं। ऐसे में यह सीआरएम प्रणाली डिजिटल इंडिया और राज्य सरकार के ई-गवर्नेंस मिशन को भी मजबूती देगी।
यह प्रणाली भविष्य में स्मार्ट मीटरिंग, जीआईएस मैपिंग और मोबाइल वर्कफोर्स जैसे तकनीकी समाधानों से भी जुड़ सकेगी।
आगे की योजना
सीआरएम प्रणाली अंतिम परीक्षण चरण में है। मई के दूसरे सप्ताह में मॉक ट्रायल और पायलट लॉन्च की योजना है। विभाग कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित कर रहा है।
साथ ही, लोगों को नई प्रणाली की जानकारी देने के लिए प्रचार अभियान भी चलाया जाएगा—रेडियो, समाचार पत्र, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से।
निष्कर्ष
बिहार में प्रस्तावित एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली उपभोक्ता सेवा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव की दिशा में कदम है। यह न केवल शिकायतों का समाधान तेजी से करेगी, बल्कि उपभोक्ता अनुभव को भी बेहतर बनाएगी।
बहुभाषी समर्थन, एआई तकनीक और पारदर्शी फीडबैक प्रणाली इसे एक आदर्श डिजिटल सेवा मंच बनाते हैं। यह पहल न केवल बिहार, बल्कि देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है।