सिवान में रिश्वत लेते पकड़े गए दारोगा मिथलेश मांझी: केस से नाम हटाने के लिए मांगी थी वॉशिंग मशीन और ₹20,000
बिहार के सिवान जिले में एक पुलिस अवर निरीक्षक (दारोगा) मिथलेश मांझी को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उन्होंने एक व्यक्ति से थाना कांड संख्या 140/24 में नाम हटाने और केस डायरी में मदद करने के बदले ₹20,000 और एक वॉशिंग मशीन की मांग की थी।
पटना : निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की मुख्यालय टीम के द्वारा जिला सिवान थाना असॉव के पुलिस अवर निरीक्षक मिथलेश मांझी को बीस हजार रुपये एवं एक वॉशिंग मशीन रिश्वत लेते चकिया बिन्दुसार रोड, सिवान स्थित डॉ० मिताली कुमारी के नर्सिंग होम के सामने से रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। परिवादी चन्दन कुमार यादव पिता कमेक्षा यादव के द्वारा निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में यह शिकायत दर्ज कराया गया था कि आरोपी मिथलेश मांझी द्वारा थाना कांड सं0-140/24 में नाम हटाने एवं केस डायरी में मदद करने के लिए रिश्वत की मांग की जा रही है।
ब्यूरो द्वारा सत्यापन कराया गया एवं सत्यापन के क्रम में आरोपी मिथिलेश मांझी द्वारा रिश्वत मांगे जाने का प्रमाण पाया गया। प्रथम द्रष्टया आरोप सही पाये जाने के पश्चात् उपरोक्त कांड अंकित कर अनुसंधानकर्ता निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना के पुलिस उपाधीक्षक राजन प्रसाद सिंह के नेतृत्व में एक धावादल का गठन किया गया, जिनके द्वारा कार्रवाई करते हुए अभियुक्त मिथलेश मांझी को बीस हजार रुपये एवं एक वॉशिंग मशीन रिश्वत लेते चकिया बिन्दुसार रोड, सिवान स्थित डॉ० मिताली कुमारी के नर्सिंग होम के सामने से रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। वहीं अभियुक्त को पूछताछ के उपरांत विशेष न्यायालय, निगरानी, मुजफ्फरपुर में उपस्थापित किया जायेगा। अग्रतर अनुसंधान की कार्रवाई की जा रही है।
कार्रवाई की प्रक्रिया
सत्यापन के बाद, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने पुलिस उपाधीक्षक राजन प्रसाद सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित की। इस टीम ने सिवान जिले के चकिया बिन्दुसार रोड स्थित डॉ. मिताली कुमारी के नर्सिंग होम के सामने दारोगा मिथलेश मांझी को ₹20,000 और एक वॉशिंग मशीन लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी के बाद की प्रक्रिया
गिरफ्तारी के बाद, दारोगा मिथलेश मांझी से पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद उन्हें विशेष न्यायालय, निगरानी, मुजफ्फरपुर में पेश किया गया। अग्रतर अनुसंधान की कार्रवाई जारी है।
निष्कर्ष
यह घटना बिहार पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम को एक और मजबूती प्रदान करती है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की सक्रियता और त्वरित कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।