बिजली आपूर्ति पर ऊर्जा मंत्री का सख्त रुख: राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली सेवा
पटना: बिहार सरकार राज्य के नागरिकों को बेहतर बिजली सुविधा प्रदान करने के लिए लगातार प्रयासरत है। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने दोहराया है कि बिहार में निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस उद्देश्य को लेकर सरकार और ऊर्जा विभाग की ओर से निरंतर निगरानी और समीक्षा की जा रही है।
इसी क्रम में हाल ही में ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल की अध्यक्षता में विद्युत भवन, पटना में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में विशेष रूप से पेसू (पटना इलेक्ट्रिक सप्लाई अंडरटेकिंग) क्षेत्र की बिजली आपूर्ति व्यवस्था, उपभोक्ताओं की शिकायतों, शटडाउन की योजना और अनुरक्षण कार्यों को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि गर्मी के मौसम में बिजली की मांग में तेजी से वृद्धि होती है, इसलिए उपभोक्ताओं को बिना किसी रुकावट के 24×7 बिजली सेवा सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके लिए तकनीकी टीमों को हाई अलर्ट पर रहने और उपभोक्ताओं को समय पर सेवा देने को कहा गया।
ऊर्जा सचिव पंकज पाल ने कहा कि आवश्यक अनुरक्षण और परियोजना कार्यों के लिए केवल आवश्यकतानुसार और न्यूनतम समय के लिए ही शटडाउन लिया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि शटडाउन की सूचना उपभोक्ताओं तक पहले से पहुंचाई जाए, ताकि वे अपनी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्व तैयारी कर सकें।
शटडाउन से पहले सूचना देना अनिवार्य
ऊर्जा सचिव ने स्पष्ट किया कि शटडाउन की योजना पहले से बनाकर उसे समाचार पत्रों, विभागीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और स्थानीय माइकिंग के माध्यम से जनता तक प्रसारित किया जाए। इस प्रक्रिया से उपभोक्ताओं को बिजली कटौती के बारे में समय पर जानकारी मिल सकेगी, और वे जरूरी कदम, जैसे पानी संग्रह, पहले से कर सकेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि हर शटडाउन की निगरानी संबंधित अधीक्षण अभियंता द्वारा की जाएगी। इसके अलावा, शटडाउन के दौरान स्थल पर सहायक या कनीय अभियंता की उपस्थिति अनिवार्य होगी ताकि किसी भी तकनीकी समस्या का तुरंत समाधान किया जा सके।
एसएमएस के माध्यम से उपभोक्ताओं को सूचित करने का निर्देश
पंकज पाल ने सभी अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि हर पॉवर कट या शटडाउन की जानकारी सभी उपभोक्ताओं को एसएमएस के माध्यम से समय से दी जाए। इस डिजिटल सूचना तंत्र से सेवा की पारदर्शिता बढ़ेगी और उपभोक्ता विश्वास मजबूत होगा।
कंट्रोल रूम की कार्यप्रणाली की समीक्षा
बैठक के दौरान पेसू कंट्रोल रूम की कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा की गई। ऊर्जा सचिव ने कहा कि कंट्रोल रूम को पूरी तरह सक्रिय और उत्तरदायी बनाए रखना आवश्यक है। उपभोक्ताओं की शिकायतों को समय पर दर्ज करना, उनका समाधान करना और फीडबैक लेना कंट्रोल रूम की मुख्य जिम्मेदारी है।
यदि कंट्रोल रूम की कार्यप्रणाली में कोई लापरवाही पाई जाती है, तो उसके लिए संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में तकनीकी उन्नयन के साथ कंट्रोल रूम को और बेहतर बनाया जाएगा।
अधिकारियों की उपस्थिति
इस बैठक में साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (SBPDCL) के मुख्यालय से आए अधिकारी और पेसू के सभी वरीय अधिकारी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने क्षेत्र की समस्याओं, तकनीकी खामियों और समाधान के तरीकों पर विचार साझा किया।
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि कैसे बिजली चोरी, लोड शेडिंग, और लाइन लॉस जैसी समस्याओं को दूर कर सेवा को और अधिक मजबूत और विश्वसनीय बनाया जा सकता है। इसके लिए तकनीकी समाधान, ग्रिड प्रबंधन और स्मार्ट मीटरिंग जैसी योजनाएं तेजी से लागू की जा रही हैं।
निष्कर्ष
राज्य सरकार और ऊर्जा विभाग की यह बैठक इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो दर्शाती है कि सरकार जनहित में निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। ऊर्जा मंत्री और सचिव दोनों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब बिजली आपूर्ति में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा, पारदर्शिता और समय पर सूचना देने की दिशा में यह एक अहम कदम है। सरकार का लक्ष्य है कि भविष्य में राज्य को 24×7 पावर सप्लाई वाला मॉडल राज्य बनाया जा सके।