इस साल भारत में मॉनसून का पैटर्न पूरी तरह से बदला हुआ नजर आ रहा है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बदलाव ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है।
किसानों के लिए यह मौसम चुनौतीपूर्ण बन गया है, क्योंकि सही समय पर बारिश न होने से फसलें प्रभावित हो रही हैं।
दक्षिण भारत में भारी बारिश ने बाढ़ जैसी स्थितियां पैदा कर दी हैं, जबकि उत्तर भारत में गर्मी का असर अधिक है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून में असमानता आने से पानी की आपूर्ति और जलाशयों पर असर पड़ सकता है
बारिश के इस पैटर्न में बदलाव से पर्यावरण पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है।
सरकार और स्थानीय प्रशासन को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होगा
जलवायु परिवर्तन के कारण मौसमी बदलाव भारत के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है, अगर इसे ठीक से न संभाला गया।
इस मुद्दे पर और अधिक शोध की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे बदलावों से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।
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