तेज प्रताप यादव ने अपने आरजेडी से निष्कासन पर खुलकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे 4–5 लोगों की सुनियोजित साजिश बताया और कहा कि उन्हें पार्टी और परिवार से जानबूझकर अलग किया गया है। तेज प्रताप ने कहा कि वे इस फैसले को मानते नहीं हैं और इसे न्यायालय में चुनौती देंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी जान को खतरा है और उन्होंने सरकार से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।
तेज प्रताप ने कहा कि वे डरने वाले नहीं हैं, और इस लड़ाई को खुलकर लड़ेंगे। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे उन लोगों के नाम सार्वजनिक करेंगे जिन्होंने उन्हें बदनाम करने और पार्टी से निकालने की साजिश रची। तेज प्रताप ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ वरिष्ठ नेता पिछले कई महीनों से उन्हें पार्टी से अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे थे और आखिरकार उन्होंने यह चाल सफल कर ली।
हालांकि, तेज प्रताप ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने की शुभकामनाएं दीं और कहा कि वे व्यक्तिगत मतभेदों से ऊपर उठकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं। इस बयान से संकेत मिलता है कि पारिवारिक संबंधों में पूरी तरह से दरार नहीं आई है, हालांकि राजनीतिक समीकरणों में ज़रूर बड़ी हलचल मची है।
इससे पहले तेज प्रताप का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे कथित तौर पर अनुष्का यादव के साथ नजर आए थे। इसे लेकर पार्टी के अंदर असंतोष था, और पार्टी नेतृत्व ने इसे संगठन की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला व्यवहार बताया था। इसी विवाद के बाद तेज प्रताप को आरजेडी से निष्कासित कर दिया गया।
तेज प्रताप ने अब ऐलान किया है कि वे जनता की अदालत और न्यायपालिका के ज़रिए अपना पक्ष रखेंगे और उन सभी लोगों का पर्दाफाश करेंगे जिन्होंने उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा। उनका यह रुख बिहार की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे चुका है, और आगे देखना होगा कि यह टकराव सिर्फ बयानबाज़ी तक सीमित रहता है या कानूनी मोर्चे पर भी लंबी लड़ाई खिंचती है।