स्वामी विवेकानंद शिक्षक सम्मान समारोह 2025: विशेष बच्चों के प्रति समर्पण के लिए श्रीमति अमृता गुड़िया को राज्य के उपमुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।

पटना के रविंद्र भवन में पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय, पटना के आर्केड बिजनेस कॉलेज द्वारा “स्वामी विवेकानंद शिक्षक सम्मान” समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस गरिमामय कार्यक्रम में राज्य भर के विभिन्न जिलों से आए शिक्षकों ने भाग लिया। इस सम्मान समारोह का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे शिक्षकों को प्रोत्साहित करना और उनके योगदान को समाज के सामने लाना था।

इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों से आए शिक्षकों ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण उपलब्धियों को साझा किया। समारोह में विशेष रूप से विशेष आवश्यकता वाले बच्चों, जैसे ऑटिज्म, हाइपरएक्टिविटी, डाउन सिंड्रोम, सेरेब्रल पाल्सी (सीपी) चाइल्ड आदि के लिए समर्पित प्रशिक्षण कार्यों में उल्लेखनीय योगदान के लिए पटना की प्रसिद्ध शिक्षिका श्रीमति अमृता गुड़िया को सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी और पुलिस महानिरीक्षक एवं शिक्षाविद श्री विकास वैभव द्वारा प्रदान किया गया।

इस मौके पर दीघा विधायक श्री संजीव चौरसिया भी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में राज्य के कई प्रमुख शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।


श्रीमति अमृता गुड़िया की उपलब्धियाँ और योगदान

श्रीमति अमृता गुड़िया विशेष बच्चों के लिए समर्पित शिक्षिका हैं, जो पटना के बोरिंग रोड स्थित ‘सोल’ (SOUL) नामक संस्था का संचालन करती हैं। यह संस्था विशेष बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा और व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करती है। श्रीमति गुड़िया ने पिछले कई वर्षों से ऑटिज्म, हाइपरएक्टिविटी और अन्य मानसिक व शारीरिक चुनौतियों से जूझ रहे बच्चों के समग्र विकास के लिए कार्य किया है।

उनकी संस्था विशेष जरूरतमंद बच्चों को जीवन कौशल, सामाजिक अनुकूलन और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रशिक्षण देती है। उन्होंने कई माता-पिता को भी जागरूक किया है कि वे विशेष बच्चों को किस प्रकार सही मार्गदर्शन और देखभाल प्रदान कर सकते हैं। उनकी संस्था राष्ट्रीय पुनर्वास परिषद (RCI) से मान्यता प्राप्त है, और वह स्वयं एक प्रमाणित प्रैक्टिशनर हैं।

श्रीमति अमृता गुड़िया को सम्मानित किया गया।
श्रीमति अमृता गुड़िया को सम्मानित किया गया।

व्यक्तिगत और सामाजिक पृष्ठभूमि

श्रीमति अमृता गुड़िया का परिवारिक पृष्ठभूमि भी अत्यंत प्रेरणादायक है। उनका विवाह गोपालगंज जिले के सिधवलिया प्रखंड स्थित शेर गांव में हुआ है, और उनका मायका कुचायकोट प्रखंड के भठवां रूप गांव में है। उनके इस सम्मान से न केवल उनके परिवार को, बल्कि पूरे जिले को गर्व की अनुभूति हुई है।

उनकी इस उपलब्धि को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने भी उनके कार्यों की सराहना की और उन्हें बिहार के अन्य जिलों में भी अपनी सेवाएँ देने के लिए आमंत्रित किया।

 

समारोह की प्रमुख बातें और वक्तव्य

कार्यक्रम में वक्ताओं ने शिक्षा के क्षेत्र में किए गए विभिन्न प्रयासों पर प्रकाश डाला और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री विकास वैभव ने कहा कि, “शिक्षा का सही उद्देश्य समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँच बनाना है, और अमृता गुड़िया जैसी शिक्षिकाएं इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रही हैं।”

श्री सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार विशेष बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ चला रही है और ऐसे प्रयासों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

समारोह में विभिन्न शिक्षकों को सम्मानित किया गया जिन्होंने अपनी शिक्षण विधियों में नवाचार लाकर छात्रों को बेहतर भविष्य की दिशा में प्रेरित किया है।

 

स्वामी विवेकानंद शिक्षक सम्मान
स्वामी विवेकानंद शिक्षक सम्मान
बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी और पुलिस महानिरीक्षक एवं शिक्षाविद श्री विकास वैभव
बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी और पुलिस महानिरीक्षक एवं शिक्षाविद श्री विकास वैभव
बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी
बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी

समारोह का समापन और भविष्य की योजनाएँ

कार्यक्रम का समापन उत्साह और प्रेरणा के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित सभी शिक्षकों और गणमान्य व्यक्तियों ने शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक योगदान देने की प्रतिबद्धता जताई। इस कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों को पहचानने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए नई योजनाओं पर चर्चा भी की गई।

श्रीमति अमृता गुड़िया ने अपने संबोधन में कहा कि, “हर बच्चा विशेष होता है, और समाज को यह समझना होगा कि विशेष बच्चों को सही प्रशिक्षण और अवसर दिए जाएं, ताकि वे भी आत्मनिर्भर बन सकें।”

इस आयोजन ने बिहार के शिक्षकों को एक नया मंच प्रदान किया, जहाँ वे अपने अनुभव साझा कर सकें और समाज में शिक्षा की नई दिशा को विकसित कर सकें।

 

Abhishek Kumar is the editor of Nutan Charcha News. Who has been working continuously in journalism for the last many years? Abhishek Kumar has worked in Doordarshan News, Radio TV News and Akash Vani Patna. I am currently publishing my news magazine since 2004 which is internationally famous in the field of politics.


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