भारत के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आज अंतरिक्ष की ओर रवाना हो रहे हैं। वह स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट के ज़रिए फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से दोपहर 12:01 बजे (भारतीय समयानुसार) लॉन्च होंगे। यह मिशन Axiom Mission 4 (Ax-4) के नाम से जाना जा रहा है और इसमें NASA, Axiom Space और SpaceX की साझेदारी है।
शुभांशु शुक्ला इस मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करेंगे और वहां लगभग 14 दिनों तक रहेंगे। इस दौरान वह कई वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लेंगे, जिनमें से सात प्रयोग ISRO द्वारा डिजाइन किए गए हैं। इन प्रयोगों में माइक्रोग्रैविटी में कोशिकाओं के व्यवहार और जैविक प्रक्रियाओं का अध्ययन शामिल है। इस पूरे मिशन में 31 देशों के लगभग 60 प्रयोग किए जाएंगे।
शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री हैं। उनसे पहले राकेश शर्मा 1984 में सोवियत मिशन के तहत अंतरिक्ष गए थे। लेकिन शुभांशु शुक्ला भारत के पहले व्यक्ति होंगे जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाएंगे। इस मिशन को भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नई दिशा और उन्नति के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।
इस मिशन की खास बात यह भी है कि यह पूरी तरह से निजी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का उदाहरण है। Axiom-4 मिशन में शुभांशु शुक्ला के साथ तीन और यात्री हैं—कमांडर पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोश उज़्नान्स्की और हंगरी के तिबोर कपो। यह चारों मिलकर विज्ञान, चिकित्सा और तकनीक के क्षेत्रों में नए प्रयोग करेंगे, जिनका लाभ भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों और पृथ्वी पर जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में होगा।
शुभांशु शुक्ला का यह अंतरिक्ष मिशन न केवल ISRO के आगामी गगनयान मिशन के लिए प्रेरणा है, बल्कि यह भारत के वैज्ञानिक कौशल और वैश्विक भागीदारी की ताकत को भी दर्शाता है। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है, जब तिरंगा अंतरिक्ष की ऊँचाइयों को छूने जा रहा है।