पटना और भोजपुर जिले में मंगलवार सुबह उस वक्त सनसनी फैल गई जब पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर चंदन मिश्रा हत्याकांड के आरोपियों के खिलाफ मुठभेड़ को अंजाम दिया। यह मुठभेड़ सुबह करीब पांच बजे बिहिया-कटेया रोड के पास एक नदी किनारे हुई, जब पुलिस को जानकारी मिली कि हत्या कांड से जुड़े अपराधी वहां छिपे हुए हैं। जैसे ही टीम वहां पहुंची, अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दो अपराधी गोली लगने से घायल हो गए जबकि एक को पुलिस ने पकड़ लिया।

घायल आरोपियों की पहचान बलवंत कुमार सिंह और रविरंजन सिंह के रूप में हुई है। बलवंत बक्सर जिले के लीलाधरपुर परसिया का रहने वाला है जबकि रविरंजन भोजपुर के बिहिया थाना क्षेत्र के चकरही गांव का निवासी है। दोनों को इलाज के लिए पहले बिहिया अस्पताल और फिर वहां से रेफर कर दिया गया। इन दोनों के पास से दो पिस्टल, एक देशी कट्टा, दो मैगजीन और चार जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।
तीसरे आरोपी अभिषेक कुमार को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया। शुरुआती जांच में सामने आया है कि बलवंत ही वो व्यक्ति था जिसने मुख्य आरोपी तौसीफ और उसके सहयोगियों को हत्या के लिए हथियार उपलब्ध कराए थे। बलवंत का कनेक्शन शेरू सिंह नामक अपराधी से भी है, जो इस वक्त पुरुलिया जेल में बंद है। बलवंत और तौसीफ के बीच लगातार संपर्क था और घटना के कुछ ही दिन पहले बलवंत ने तौसीफ को दस पिस्टल मुहैया कराई थीं।
इस मुठभेड़ की नींव 17 जुलाई को हुई उस घटना से जुड़ी है जिसमें पटना के पारस अस्पताल में गैंगस्टर चंदन मिश्रा को दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया गया था। हमले के दौरान पांच लोग अस्पताल में घुसे और चंदन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। घटना के बाद पूरे बिहार में हड़कंप मच गया था। पुलिस ने तौसीफ, निशु खान समेत चार मुख्य आरोपियों को कोलकाता से गिरफ्तार किया और तौसीफ को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है जबकि बाकी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

मामले की जांच में यह भी सामने आया है कि हत्या की साजिश निशु खान के घर पर रची गई थी और तौसीफ ने ही चंदन मिश्रा की हत्या की पूरी योजना बनाई थी। चंदन मिश्रा के पिता ने शेरू सिंह के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि उसे एनकाउंटर में मार गिराया जाना चाहिए। इस बीच पुलिस लगातार अन्य फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है और बिहार एसटीएफ पूरे मामले को सुलझाने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रही है।
इस मुठभेड़ ने न सिर्फ मामले में तेजी लाई है बल्कि यह भी दिखा दिया है कि बिहार पुलिस गैंगवार और संगठित अपराधों के खिलाफ अब सख्त रवैया अपना रही है। आने वाले दिनों में इस केस से जुड़े और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।








