प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार यात्रा के दौरान एक खास पल ने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तूफान ला दिया है। मंच पर मौजूद उपेंद्र कुशवाहा के कान में कुछ कहते हुए पीएम मोदी का एक वीडियो वायरल हो गया है, जिसने तरह-तरह की अटकलों और चर्चाओं को जन्म दे दिया है। कोई इसे “गुप्त संदेश” बता रहा है तो कोई इसे चुनावी रणनीति का हिस्सा मान रहा है, लेकिन फिलहाल किसी को साफ तौर पर नहीं पता कि प्रधानमंत्री ने आखिर कुशवाहा से कहा क्या।
वीडियो में देखा गया कि जैसे ही पीएम मोदी मंच पर पहुंचे, उन्होंने कुछ देर रुककर उपेंद्र कुशवाहा के कान में बेहद गंभीर मुद्रा में कुछ कहा। कुशवाहा ने भी ध्यान से सुना और सिर हिलाया। यह पूरी बातचीत कैमरे की नज़रों से बचाने की कोशिश की गई, लेकिन कैमरा घूम चुका था — और बाकी तो अब इंटरनेट जानता ही है।
इस छोटी-सी फुसफुसाहट ने विपक्ष को बड़ा मौका दे दिया है। राजद ने इस पर तंज कसते हुए पूछा कि क्या यह “गोपनीय गठबंधन” का हिस्सा है या फिर कुशवाहा को कोई विशेष संदेश दिया गया? कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि “अगर पीएम को जनता से कुछ छुपाकर कहना है, तो ये लोकतंत्र नहीं, रणनीतिक मनमानी है।” सोशल मीडिया पर तो मीम्स और व्यंग्य की बाढ़ आ गई — कोई इसे सीट बंटवारे की कानाफूसी बता रहा है, तो कोई इसे नीतीश कुमार को लेकर भेजा गया संदेश।
उधर, उपेंद्र कुशवाहा ने खुद इस मामले को तूल न देने की सलाह दी और कहा, “प्रधानमंत्री ने जो कहा, वह संगठन से जुड़ी एक सामान्य बात थी।” मगर इस ‘सामान्य बात’ की टाइमिंग और मंच पर मौजूद कैमरों की मौजूदगी को देखते हुए बात इतनी आसान नहीं रह गई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की कानाफूसी आमतौर पर मंच पर नहीं होती, जब तक बात बेहद निजी या रणनीतिक न हो। कुछ जानकारों का कहना है कि यह बिहार में एनडीए की आंतरिक स्थिति को लेकर कोई अहम संदेश हो सकता है — खासकर तब जब चिराग पासवान, कुशवाहा और नीतीश गुटों के बीच तालमेल को लेकर कई बातें पहले से ही हवा में हैं।
इस मामूली-सी फुसफुसाहट ने बिहार की राजनीति में नया मसाला भर दिया है। आम जनता को अब यह जानने की बेचैनी है कि प्रधानमंत्री ने कुशवाहा से आखिर कहा क्या — और क्यों इतने रहस्यमय अंदाज़ में कहा?