12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 हादसे का शिकार हो गई। शुरुआती जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि विमान के टेकऑफ़ के कुछ ही सेकंड बाद उसका मुख्य बिजली आपूर्ति प्रणाली (मेन इलेक्ट्रिक सिस्टम) पूरी तरह फेल हो गया था। यह वही ड्रीमलाइनर बोइंग 787-8 था जिसे आधुनिकतम तकनीक से लैस बताया जाता है। लेकिन टेकऑफ़ के बाद जब विमान ने करीब 625 फीट की ऊंचाई ही पाई थी, तभी वह नियंत्रण खो बैठा और ज़मीन से टकरा गया।
जांच अधिकारियों ने घटनास्थल से प्राप्त मलबे, CCTV और ड्रोन फुटेज का अध्ययन किया है, जिससे पुष्टि होती है कि इंजन सामान्य रूप से काम कर रहे थे, लेकिन मुख्य बिजली प्रणाली में आई गड़बड़ी के कारण बाकी सभी सिस्टम अचानक ठप हो गए। इतनी कम ऊंचाई पर विमान के पास इमरजेंसी पावर सिस्टम को एक्टिव करने का समय ही नहीं मिला। आमतौर पर एमरजेंसी पावर सिस्टम यानी मैन्युअल रिवर्शन कंट्रोल कुछ सेकंड्स में बैकअप दे सकता है, लेकिन इस बार वह भी सक्रिय नहीं हो पाया।
ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) बरामद किया जा चुका है, हालांकि यह आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त है। फिलहाल भारत में ही इसकी डिकोडिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है और ज़रूरत पड़ी तो इसे अमेरिका भी भेजा जा सकता है।
इसके अलावा, जांच टीम फ्लाइट के पिछले 48 घंटों के टेक्निकल लॉग और मेंटेनेंस रिपोर्ट की समीक्षा भी कर रही है ताकि पता चल सके कि कहीं पहले से कोई चेतावनी या तकनीकी गड़बड़ी तो नहीं थी जिसे नजरअंदाज किया गया हो।
जांचकर्ता ऐसी अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से भी तुलना कर रहे हैं जिनमें टेकऑफ़ के तुरंत बाद तकनीकी गड़बड़ी हुई हो, जैसे कि फरवरी 2020 में लंदन गैटविक एयरपोर्ट पर एक A321 विमान के इंजन में आए फेल्योर का मामला।
फिलहाल इस दुर्घटना की आधिकारिक वजह सामने नहीं आई है लेकिन शुरुआती संकेत इस ओर इशारा करते हैं कि मुख्य बिजली प्रणाली की विफलता इस हादसे का प्रमुख कारण हो सकती है। एयर इंडिया और DGCA ने जांच में पूरी सहयोग की बात कही है। मृतकों के परिवारों को मुआवज़ा देने और विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद जवाबदेही तय करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।