दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र वर्तमान में अभूतपूर्व जलभराव का सामना कर रहा है। मूसलाधार बारिश ने यमुना नदी को अपने किनारों से ऊपर धकेल दिया है। यह बाढ़ जैसी स्थिति का दृश्य है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए भारी मात्रा में पानी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। लाखों क्यूसेक पानी के बहाव ने यमुना के जलस्तर को खतरनाक रूप से ऊपर उठा दिया है। यह खतरे के निशान को पार कर गया है।
पुराने लोहे के पुल पर जलस्तर 205 मीटर से अधिक दर्ज किया गया। यह चिंता का विषय है। इस गंभीर स्थिति के कारण, प्रशासन ने पुल को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। यह अगले आदेश तक लागू रहेगा। इस संकट के जवाब में, नोएडा और गाजियाबाद के अधिकारियों ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कक्षा 12 तक के सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। यह बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है। वे लोगों को सलाह दे रहे हैं। वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने का सुझाव दिया जा रहा है। यह यातायात को सुचारू रखने के लिए है। रिंग रोड, गीता कॉलोनी और शांति वन चौक जैसे प्रमुख क्षेत्रों के लिए नए मार्ग घोषित किए गए हैं। कई स्थानों पर, जलभराव ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया है। इससे भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। आम लोगों को घंटों तक यात्रा में देरी का सामना करना पड़ रहा है।

यमुना बाजार और नदी के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है। यह एक गंभीर मानवीय समस्या है। हजारों लोगों को उनके घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। यह उनकी जान बचाने के लिए आवश्यक था। अब तक, दस हजार से अधिक लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। यह एक बड़ा राहत अभियान है। कई निचले इलाकों से लोगों को निकालने के लिए नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह त्वरित बचाव कार्य का हिस्सा है।
सरकार इस संकट से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों के लिए बड़ी संख्या में संसाधन जुटाए हैं। सैकड़ों नावें तैनात की गई हैं। ये लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए महत्वपूर्ण हैं। हजारों रेत के बैग बाढ़ को रोकने के लिए उपयोग किए जा रहे हैं। जीवन रक्षक जैकेट और शक्तिशाली पंपिंग मशीनें भी उपलब्ध कराई गई हैं। इनका उद्देश्य पानी के बहाव को नियंत्रित करना है। यह फंसे हुए लोगों तक मदद पहुंचाना भी है।
मुख्यमंत्री ने स्थिति की गंभीरता को समझा है। उन्होंने अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी क्षेत्र छूटे नहीं। स्थानीय प्रशासन ने 24 घंटे काम करने वाला एक कंट्रोल रूम स्थापित किया है। यह आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए है। कई प्रमुख नालों की सफाई का कार्य चल रहा है। यह जल निकासी को बेहतर बनाने के लिए है। अतिरिक्त पंपिंग स्टेशनों को भी चालू किया गया है। इसका लक्ष्य जलभराव को कम करना है।

मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए एक चेतावनी जारी की है। भारी बारिश की संभावना है। विशेष रूप से गुरुग्राम और इसके आसपास के क्षेत्रों में। इसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यह लोगों को सतर्क रहने का संकेत है। अगले कुछ घंटों में यमुना के जलस्तर में और वृद्धि होने की उम्मीद है। यह बाढ़ की स्थिति को और बिगाड़ सकता है। इसलिए, प्रशासन अत्यधिक सतर्कता बरत रहा है। लोगों से अपील की गई है कि वे प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहें। केवल सुरक्षित मार्गों का ही उपयोग करें। गैर-जरूरी यात्रा से बचें।
यह संकट दिल्ली के निवासियों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर रहा है। सड़कों पर लंबा ट्रैफिक जाम है। घरों में पानी भर गया है। बिजली की आपूर्ति भी बाधित हुई है। आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यह स्थिति 1978 की विनाशकारी बाढ़ की याद दिलाती है। उस समय भी राजधानी कई दिनों तक ठप पड़ गई थी। वर्तमान हालात लोगों में वही पुराना डर जगा रहे हैं। हालांकि, इस बार प्रशासन की तैयारी पहले से बेहतर दिख रही है। यदि बारिश जारी रहती है, तो स्थिति अत्यंत गंभीर हो सकती है।








