दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की एक जनसुनवाई के दौरान उस समय अफरातफरी मच गई जब एक व्यक्ति ने उन पर हमला करने का प्रयास किया। यह अप्रत्याशित घटना सिविल लाइन्स स्थित उनके सरकारी आवास पर हुई। मुख्यमंत्री वहां आम जनता की समस्याओं और शिकायतों को सुन रही थीं। अचानक, भीड़ से एक युवक आगे बढ़ा। उसने मुख्यमंत्री पर हाथ उठाने की कोशिश की, संभवतः थप्पड़ मारने का इरादा था। यह सब इतनी तेज़ी से हुआ कि कई लोग हतप्रभ रह गए।

सौभाग्य से, मुख्यमंत्री के साथ मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने फुर्ती दिखाते हुए हमलावर युवक को दबोच लिया। इससे पहले कि वह अपने इरादे में सफल हो पाता, उसे पकड़ लिया गया। घटना के तुरंत बाद, पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया। उसे पूछताछ के लिए नजदीकी पुलिस स्टेशन ले जाया गया। शुरुआती जानकारी के अनुसार, आरोपी युवक की उम्र लगभग 35 वर्ष बताई जा रही है। वह किसी विशेष शिकायत या समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री से मिलने आया था। हालांकि, उसके इस तरह के हिंसक कदम उठाने के पीछे का सटीक मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस इस दिशा में गहनता से जांच कर रही है।
इस गंभीर घटना ने पूरे राजनीतिक गलियारे में खलबली मचा दी है। विपक्षी दल, विशेष रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने इस घटना को मुख्यमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक बताया। उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। भाजपा नेताओं ने सवाल उठाया कि एक आम नागरिक मुख्यमंत्री के इतने करीब कैसे पहुंच गया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की सुरक्षा ढिलाई बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। उनकी मांग है कि इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने इस कृत्य को केवल एक व्यक्तिगत हमला नहीं, बल्कि पूरे लोकतंत्र पर हमला करार दिया।
वर्तमान में, पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आगे की जांच जारी है। सुरक्षा एजेंसियां इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या यह कोई सुनियोजित साजिश थी या फिर आरोपी ने गुस्से में आकर यह कदम उठाया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता इस घटना में पूरी तरह सुरक्षित हैं। किसी भी प्रकार की चोट लगने की खबर नहीं है। फिर भी, इस घटना ने दिल्ली में उच्च पदस्थ व्यक्तियों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसने वीआईपी सुरक्षा को लेकर मौजूद कमियों को उजागर किया है।








