पटना का अटल पथ सोमवार को गुस्से का अखाड़ा बन गया। दो मासूम बच्चों की हत्या की घटना ने लोगों को इतना झकझोर दिया कि उनका आक्रोश सड़कों पर फूट पड़ा। देखते ही देखते भीड़ ने अटल पथ को जाम कर दिया, गाड़ियों को रोक लिया और उनमें आग लगा दी। स्थिति इतनी बिगड़ी कि मौके पर पहुंची पुलिस को पथराव का सामना करना पड़ा। लोगों का कहना था कि सरकार पूरी तरह नाकाम है और अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि अब बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं।
इसी दौरान जब स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय वहां से गुजर रहे थे तो लोगों का गुस्सा सीधे उनकी कार पर टूट पड़ा। भीड़ ने मंत्री की गाड़ी को घेर लिया और हमला कर दिया। हालात काबू से बाहर होते देख मंत्री का काफिला तेजी से वहां से निकला। लेकिन इस घटना ने यह साफ कर दिया कि जनता का गुस्सा अब केवल अपराधियों पर ही नहीं, बल्कि सीधे सरकार और उसके मंत्रियों पर है।

राजनीति में भी इस घटना ने हलचल मचा दी। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे मुद्दा बनाते हुए सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि इतना संवेदनहीन और अहंकारी मंत्री बिहार ने पहले कभी नहीं देखा। उनका आरोप था कि मंत्री पीड़ित परिवार से बात करने तक को अपमान समझते हैं, और यही कारण है कि लोगों का गुस्सा फूटा। तेजस्वी ने इसे ध्वस्त विधि-व्यवस्था और शासन की असफलता का नतीजा बताया।
लोगों का कहना है कि पुलिस प्रशासन पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि कानून और व्यवस्था का डर बिल्कुल खत्म हो गया है। बच्चे, महिलाएं और आम नागरिक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यही वजह है कि जब अपराध की खबरें आती हैं, तो अब लोग न्याय की उम्मीद करने की बजाय खुद ही सड़क पर उतरकर विरोध जताने लगते हैं।
अटल पथ पर हुई इस घटना ने एक बार फिर साफ कर दिया कि बिहार में अपराध और शासन का मुद्दा अब केवल चुनावी बयानबाज़ी नहीं रह गया है, बल्कि यह आम जनता की रोज़मर्रा की पीड़ा बन चुका है। मंत्री पर हुआ हमला इस बात का प्रतीक है कि लोगों का भरोसा सरकार से उठता जा रहा है।








