भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के प्रस्ताव को सख्ती से खारिज कर दिया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत ने स्पष्ट किया है कि कश्मीर उसका आंतरिक मामला है और इस पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार्य नहीं है। भारत ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान से बातचीत केवल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को भारत को सौंपने के मुद्दे पर ही हो सकती है ।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का स्वागत करते हुए कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि भारत ने इसे खारिज कर दिया। भारत का मानना है कि कश्मीर मुद्दे पर किसी भी प्रकार की बातचीत तभी संभव है जब पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद करे और PoK को भारत को सौंपने पर सहमत हो।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिका के इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार होना चाहिए। हालांकि, भारत ने अपने पुराने रुख पर कायम रहते हुए किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को अस्वीकार कर दिया है।
भारत का यह सख्त रुख उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सरकार का मानना है कि कश्मीर मुद्दे पर किसी भी प्रकार की बातचीत तभी संभव है जब पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद करे और PoK को भारत को सौंपने पर सहमत हो।