ऊर्जा मंत्री ने छपरा स्थित निर्माणाधीन ग्रिड उपकेंद्र का किया निरीक्षण

छपरा न्यू (कटसा, अमनौर) में 400/220/132 केवी ग्रिड उपकेंद्र परियोजना: बिहार के ऊर्जा क्षेत्र में नई क्रांति की ओर एक और कदम

पटना, बिहार:
बिहार के ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने हाल ही में सारण जिले के छपरा न्यू (कटसा, अमनौर) स्थित निर्माणाधीन 400/220/132 केवी ग्रिड उपकेंद्र का स्थल पर निरीक्षण कर कार्यों की प्रगति की गहन समीक्षा की। इस निरीक्षण के दौरान बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (BSPTCL) के वरीय अधिकारीगण, परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी के प्रतिनिधिगण, और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। यह परियोजना राज्य के विद्युत क्षेत्र में एक मील का पत्थर मानी जा रही है और इसके पूरा होने पर न केवल छपरा क्षेत्र बल्कि आसपास के अनेक जिलों को भी निर्बाध व उच्च गुणवत्ता वाली बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।


परियोजना की विशेषताएँ और तकनीकी विवरण

ऊर्जा मंत्री ने छपरा स्थित निर्माणाधीन ग्रिड उपकेंद्र का किया निरीक्षण
ऊर्जा मंत्री ने छपरा स्थित निर्माणाधीन ग्रिड उपकेंद्र का किया निरीक्षण

इस ग्रिड उपकेंद्र का निर्माण कार्य BSPTCL द्वारा कराया जा रहा है और यह कंपनी का दूसरा 400 केवी स्तर का ग्रिड उपकेंद्र है, जो तकनीकी दृष्टि से अत्यंत उन्नत व भविष्य उन्मुख है। इसमें 2×500 MVA तथा 2×200 MVA की उच्च संचरण क्षमता के पावर ट्रांसफॉर्मर लगाए जा रहे हैं, जो एक साथ सैकड़ों मेगावाट बिजली को ट्रांसमिट कर सकते हैं।

इस ग्रिड से जुड़ी ट्रांसमिशन लाइनों को 400 केवी, 220 केवी और 132 केवी स्तरों पर स्थापित किया जा रहा है। यह संरचना न केवल शक्ति के ट्रांसफर को अधिक कुशल बनाएगी, बल्कि पूरे दक्षिण-पश्चिम बिहार क्षेत्र की ग्रिड स्थिरता और विद्युत विश्वसनीयता को भी बढ़ाएगी।



जिलेवार लाभार्थी क्षेत्र

ग्रिड उपकेंद्र के निर्माण से छपरा, अमनौर, मढ़ौरा, परसा, सोनपुर, दिघवारा, एकमा, मकेर, गरखा, इसुआपुर, जलालपुर, बनियापुर, दरियापुर, रसूलपुर, रिविलगंज, मांझी, पानापुर जैसे सारण जिले के क्षेत्रों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त सिवान और गोपालगंज जिलों के भी कई गांवों और कस्बों तक इसकी पहुंच होगी।

इन इलाकों में अब तक अक्सर बिजली की अघोषित कटौती, वोल्टेज में उतार-चढ़ाव और ट्रिपिंग जैसी समस्याएं देखी जाती थीं। नया ग्रिड उपकेंद्र इन सभी तकनीकी समस्याओं को दूर करने में कारगर सिद्ध होगा। इससे इन क्षेत्रों में न केवल घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि उद्योग, कृषि और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को भी स्थायी लाभ पहुंचेगा।


ऊर्जा मंत्री की निरीक्षण यात्रा और निर्देश

अपने निरीक्षण के दौरान ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने ग्रिड के निर्माण कार्यों की विस्तार से समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी कार्य उच्चतम गुणवत्ता मानकों के अनुरूप किए जाएं। उन्होंने कहा कि यह परियोजना केवल एक बुनियादी ढांचे की स्थापना नहीं है, बल्कि यह बिहार के ऊर्जा स्वावलंबन की दिशा में एक ठोस प्रयास है। मंत्री ने अधिकारियों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए, ताकि जनता को शीघ्र लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा, “बिजली अब केवल रोशनी का स्रोत नहीं है, बल्कि यह विकास की रीढ़ बन चुकी है। अगर हमें ग्रामीण बिहार को आर्थिक दृष्टि से समृद्ध बनाना है, तो हमें उसे 24 घंटे, निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध करानी होगी। इस ग्रिड उपकेंद्र की स्थापना इस दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।”


सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

यह परियोजना केवल तकनीकी दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी ऐसे हजारों गांव हैं जहाँ बिजली की उपलब्धता या तो सीमित है या बहुत ही अस्थिर। इस ग्रिड उपकेंद्र के माध्यम से इन क्षेत्रों में:

  • कृषि कार्यों में सुधार: उच्च गुणवत्ता की विद्युत आपूर्ति के कारण सिंचाई के लिए पंप सेट चलाना अब आसान होगा। इससे किसानों की उत्पादकता में वृद्धि होगी और कृषि आधारित आय में सुधार होगा।

  • उद्योगों को बढ़ावा: विशेष रूप से खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, कोल्ड स्टोरेज जैसे लघु व मध्यम उद्योगों को बिजली की स्थिर आपूर्ति मिलने से वे अपना उत्पादन निर्बाध रूप से कर सकेंगे।

  • शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में सुधार: स्कूलों, कॉलेजों, हॉस्पिटल्स और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बिजली की स्थिर आपूर्ति से डिजिटल शिक्षा, टीकाकरण, दवा भंडारण आदि में सुधार होगा।

  • नौकरी और रोजगार: निर्माण कार्यों के दौरान और इसके बाद ग्रिड उपकेंद्र के संचालन में स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।


भविष्य की तैयारी: ऊर्जा क्षेत्र में बिहार की रणनीति

बिहार सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में हर गांव, हर घर तक बिजली पहुँचाना केवल लक्ष्य नहीं, बल्कि प्रतिबद्धता है। इसके लिए राज्य सरकार कई स्तरों पर काम कर रही है:

ऊर्जा मंत्री ने छपरा स्थित निर्माणाधीन ग्रिड उपकेंद्र का किया निरीक्षण
ऊर्जा मंत्री ने छपरा स्थित निर्माणाधीन ग्रिड उपकेंद्र का किया निरीक्षण
  1. ऊर्जा अधोसंरचना का विस्तार: नए ग्रिड उपकेंद्र, ट्रांसमिशन लाइनें, सबस्टेशन आदि का निर्माण।

  2. सौर ऊर्जा और नवीकरणीय स्रोतों का दोहन: सरकार ग्रिड आधारित और ऑफ-ग्रिड सोलर प्लांट्स की स्थापना पर भी ज़ोर दे रही है।

  3. ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम: LED, ऊर्जा कुशल पंखे व उपकरणों के वितरण के माध्यम से बिजली की खपत को नियंत्रित करना।

  4. स्मार्ट ग्रिड तकनीक का उपयोग: भविष्य में बिजली आपूर्ति को स्मार्ट मीटरिंग और रियल-टाइम मॉनिटरिंग के माध्यम से नियंत्रित करने की योजना।


निष्कर्ष

छपरा न्यू (कटसा, अमनौर) ग्रिड उपकेंद्र न केवल एक इंजीनियरिंग परियोजना है, बल्कि यह बिहार के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लाखों लोगों की आकांक्षाओं से जुड़ा हुआ है। इसकी स्थापना से प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर महत्वपूर्ण प्रगति होगी। साथ ही यह उदाहरण बनेगा कि किस प्रकार सरकार की दूरदृष्टि, तकनीकी दक्षता और प्रशासनिक कुशलता मिलकर राज्य के विकास की नई इबारत लिख सकते हैं।

ऊर्जा मंत्री का यह दौरा इस बात का प्रतीक है कि सरकार अपने वादों को ज़मीन पर उतारने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। यदि परियोजना समय पर और तय गुणवत्ता के साथ पूरी हो जाती है, तो यह बिहार की ऊर्जा क्रांति का नया अध्याय साबित होगा।

Abhishek Kumar is the editor of Nutan Charcha News. Who has been working continuously in journalism for the last many years? Abhishek Kumar has worked in Doordarshan News, Radio TV News and Akash Vani Patna. I am currently publishing my news magazine since 2004 which is internationally famous in the field of politics.


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